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कृषि में आँकड़ों की महत्ता
1 Dec 2019 - टिकाऊ कृषि विकास और सतत खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए अच्छे निर्णय लिया जाना बहुत ज़रूरी हैं. लेकिन कृषि संबंधित फ़ैसलों के लिए प्रामाणिक आंकड़े होना आवश्यक है.
छोटे कृषि उत्पादकों सहित सरकारें और व्यवसाय महत्वपूर्ण नीति और निवेश निर्णय अक्सर गुणवत्ता वाले कृषि आंकड़ों के लाभ के बिना ही अक्सर लेते हैं. डेटा के अभाव का परिणाम अक्सर उत्पादकता, कृषि आय में कमी और भुखमरी और ग़रीबी के रूप में होता है.
इसी समस्या के समाधान पर चर्चा के लिए 8 से 21नवंबर तक भारत की राजधानी दिल्ली में कृषि सांख्यिकी पर आठवां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ICAS-VIII) आयोजित किया गया. ये सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि एजेंसी (एफएओ), विश्व बैंक, संयुक्त राज्य कृषि विभाग (यूएसडीए) और अन्य अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसियों के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा प्रायोजित सम्मेलनों की एक श्रृंखला है.
आई सी ए एस की शुरुआत 1998 में दुनिया भर में बेहतर कृषि आंकड़ों की ज़रूरत को पूरा करने की कोशिशों के तहत हुई थी.
इसे कृषि सांख्यिकी यानी - सूचना व डेटा - विकास के मुद्दों के समाधान के लिए हर तीन साल में आयोजित किया जाता है.
सांख्यिकी का कृषि में क्या महत्व है - यही जानने के लिए दिल्ली में यूएन हिन्दी न्यूज़ की अंशु शर्मा ने भारत में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संस्थान में सलाहकार, डॉक्टर मुकेश श्रीवास्तव के साथ बात की.
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