Available languages:
महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का अंत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस पर (महासचिव) एंतोनियो गुटेरेश (25 नवंबर)
21 Nov 2019 - संयुक्त राष्ट्र महिलाओं व लड़कियों के ख़िलाफ़ हर तरह की हिंसा को ख़त्म करने के लिए कटिबद्ध है.
ये अत्याचार दुनिया के सबसे ज़्यादा तकलीफ़देह, लगातार होने वाले और बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं. इससे दुनिया भर की हर तीन में से एक महिला प्रभावित होती है.
इसका मतलब है कि आपके आसपास कोई महिला हिंसा से प्रभावित है – आपके परिवार की कोई सदस्य, आपकी कामकाजी सहयोगी, कोई दोस्त. यहाँ तक कि आप ख़ुद भी हो सकती हैं.
महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ यौन हिंसा की जड़ सदियों से चले आ रहे पुरुष प्रधान समाजों में बैठी हुई है.
हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि जिस लैंगिक असमानता की वजह से बलात्कार की मानसिकता को बल मिलता है, वो सत्ता असंतुलन का ही एक बड़ा मुद्दा है.
कलंक की मानसिकता, ग़लत अवधारणाएं, ऐसी घटनाओं को रिपोर्ट नहीं करना और क़ानूनों को लागू करने में ढिलाई से सिर्फ़ दंडमुक्ति यानी क़ानून का डर नहीं होने का माहौल बनता है.
इतना ही नहीं, बलात्कार को अब भी युद्ध के एक भयावह हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है
ये सब बदलना होगा, अभी.
मैं दुनिया भर में तमाम सरकारों, निजी क्षेत्र, सिविल सोसायटी और आम लोगों का आहवान करता हूँ कि यौन हिंसा और महिलाओं व लड़कियों के ख़िलाफ़ मौजूद पूर्वाग्रह के ख़िलाफ़ मज़बूत रुख़ अपनाएँ.
हमें यौन हिंसा की पीड़ितों, उनके क़ानूनी मददगारों और महिला अधिकारों की पैरवी करने वालों के साथ और ज़्यादा एकजुटता दिखानी होगी.
और हमें महिला अधिकारों व समान अवसरों को बढ़ावा देना होगा.
एक साथ मिलकर हम, बलात्कार व सभी तरह की यौन हिंसा को रोक सकते हैं, और हमें रोकना ही होगा.
धन्यवाद.
ये अत्याचार दुनिया के सबसे ज़्यादा तकलीफ़देह, लगातार होने वाले और बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं. इससे दुनिया भर की हर तीन में से एक महिला प्रभावित होती है.
इसका मतलब है कि आपके आसपास कोई महिला हिंसा से प्रभावित है – आपके परिवार की कोई सदस्य, आपकी कामकाजी सहयोगी, कोई दोस्त. यहाँ तक कि आप ख़ुद भी हो सकती हैं.
महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ यौन हिंसा की जड़ सदियों से चले आ रहे पुरुष प्रधान समाजों में बैठी हुई है.
हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि जिस लैंगिक असमानता की वजह से बलात्कार की मानसिकता को बल मिलता है, वो सत्ता असंतुलन का ही एक बड़ा मुद्दा है.
कलंक की मानसिकता, ग़लत अवधारणाएं, ऐसी घटनाओं को रिपोर्ट नहीं करना और क़ानूनों को लागू करने में ढिलाई से सिर्फ़ दंडमुक्ति यानी क़ानून का डर नहीं होने का माहौल बनता है.
इतना ही नहीं, बलात्कार को अब भी युद्ध के एक भयावह हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है
ये सब बदलना होगा, अभी.
मैं दुनिया भर में तमाम सरकारों, निजी क्षेत्र, सिविल सोसायटी और आम लोगों का आहवान करता हूँ कि यौन हिंसा और महिलाओं व लड़कियों के ख़िलाफ़ मौजूद पूर्वाग्रह के ख़िलाफ़ मज़बूत रुख़ अपनाएँ.
हमें यौन हिंसा की पीड़ितों, उनके क़ानूनी मददगारों और महिला अधिकारों की पैरवी करने वालों के साथ और ज़्यादा एकजुटता दिखानी होगी.
और हमें महिला अधिकारों व समान अवसरों को बढ़ावा देना होगा.
एक साथ मिलकर हम, बलात्कार व सभी तरह की यौन हिंसा को रोक सकते हैं, और हमें रोकना ही होगा.
धन्यवाद.

Original
26 Jan 2021

Original
25 Jan 2021

Original
25 Jan 2021

Original
22 Jan 2021

Original
22 Jan 2021

Original
22 Jan 2021

Original
22 Jan 2021